2025-04-13विप्लव विकास
देश को अब यह तय करना होगा कि क्या वह केवल बाहरी आतंक से लड़ेगा, या उन अंदरूनी ताकतों से भी टकराएगा जो आतंक के असली चेहरे पर पर्दा डालते हैं? क्या हम केवल कसाब जैसे हत्यारों को फांसी देंगे या उन भारत-विरोधी मानसिकताओं से भी लड़ेगे जो देश को कमजोर करती हैं, विभाजित करती हैं और भ्रमित करती हैं?
View more
Your experience on this site will be improved by allowing cookies
Cookie Policy