2024-12-24विप्लव विकास
हमने जो देखा वो पहली बार देख रहे थे। चौराहे पर लड़के-लड़कियां एक-दूसरे को पकड़ कर चुम्मा ले रहे थे। गाल पर नहीं होंठों पर! "ये क्या हो रहा दादा?" पूछने पर बगल वाला भी भौंचक्का था। उसे भी नहीं पता! पूरी भीड़ इकट्ठी हो कर उन 40-50 लोगों की चुम्मा-चुम्मी देख रही थी। फिर मेरी नज़र यूनिवर्सिटी की बांउड्री पर अपने भाग्य पर इठलाती प्लेकार्ड पर गई। लिखा था - KISS OF LOVE CAMPAIGN
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