2025-05-11विप्लव विकास
आज के समय जब संपूर्ण देश एक निर्णायक युद्ध के लिए मानसिक रूप से प्रस्तुत है तब हमें शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जो संघर्ष शुरू हो गया है उसे अपेक्षित परिणाम तक पहुंचाने हेतु जन-मन को "धर्म हिंसा तथैव च" के सूत्र का भी परिपालन करने के लिए प्रस्तुत करना होगा। यह सूत्र भारतीय दर्शन की उस गहराई को प्रकट करता है जिसमें धर्म की रक्षा के लिए युद्ध को भी धर्म का ही अंग माना गया है।
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